Kriti Sanon ने बताया के दबाव का असर से वे ‘Bhediya’ फिल्म के प्रमोशन के दौरान लगभग टूटने की कगार पर थीं
कृति सेनन ने हाल ही में रणवीर अल्लाहबादिया के पॉडकास्ट में अपने व्यस्त शेड्यूल और फिल्म प्रमोशन से जुड़े मानसिक दबाव के बारे में खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उनकी फिल्म भेड़िया के प्रमोशन के दौरान वह लगभग टूटने की स्थिति में थीं आगे बात करते हुए Kriti ने कहा ।
“प्रमोशन बहुत थकाने वाला हो सकता है”
KritiSanon ने कहा, “प्रमोशन बेहद थकावट भरा होता है।” उन्होंने बताया कि उसी साल उनकी 2-3 फिल्में रिलीज हुई थीं, जिससे भेड़िया का प्रमोशन उनके लिए और भी चुनौतीपूर्ण बन गया।
कृति और उनके को-स्टार Varun Dhawan को कई शहरों की यात्रा करनी पड़ी, जिसमें अधिकतर बार देर रात की फ्लाइट्स लेनी पड़ीं। रोज़ाना एक जैसे इंटरव्यू और शेड्यूल की दोहराव वाली प्रक्रिया ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से थका दिया।
भावुक पल: प्रमोशन के आखिरी दिन का अनुभव
Kriti Sanon ने भेड़िया के प्रमोशन के आखिरी दिन के एक भावुक पल का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मैं अपनी वैनिटी वैन में थी और अचानक रोने लगी। मैंने सबको कहा, ‘मैं थक गई हूं, अब और नहीं कर सकती।’ यह मेरे लिए भावनात्मक रूप से बहुत थकाने वाला था।”
उन्होंने बताया कि उस वक्त उनकी टीम पूरी तरह से हैरान थी। कृति ने स्वीकार किया कि ऐसी स्थितियां किसी भी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित कर सकती हैं।
“जवाब रिकॉर्ड करने की इच्छा होती थी”
प्रमोशन के सवलो को याद करते हुए कृति ने मजाक में कहा, “मुझे लगता था काश मैं अपने जवाब रिकॉर्ड कर पाती और उन्हें बस प्ले कर देती। आखिर में, वरुण और मुझे एक-दूसरे के जवाब भी याद हो गए थे।”
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संदेश
Kriti Sanon ने अपने अनुभव के जरिए यह संदेश दिया कि काम और आराम के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि मानसिक और भावनात्मक थकान को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
कृति की यह सच्ची और ईमानदार बात दर्शाती है कि ग्लैमर और सफलता के पीछे भी गहरी चुनौतियां और संघर्ष छिपा होते हैं। उनके अनुभव ने फैंस को यह याद दिलाया कि हर व्यक्ति को अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए।
Kriti Sanon ने बताया अभिनय से नहीं, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री की अतिरिक्त अपेक्षाओं से होता है दबाव
कृति सेनन ने अपनी बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि Acting, जो उनके काम का वह हिस्सा है जिसे वह सबसे ज्यादा पसंद करती हैं, कभी भी उन्हें भारी महसूस नहीं होता। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी अन्य अपेक्षाएं और जिम्मेदारियां चीजों को बेहद चुनौतीपूर्ण और थका देने वाला बना देती हैं।